Cinematic story 1
ब्रिटिश नेवी का कमांडर समंदर के किनारे खड़ा था. ब्रिटिश सेना ने जो पेरिमीटर सेट किया हुआ था, वो घंटे की दर से कम हो रहा था. ब्रिटिश आर्मी और उनके साथी देशों की सेना समंदर किनारे वापसी के इंतज़ार में खड़ी थी. उन्हें उठा कर घर ले जाने के लिए एक वक़्त पर एक ही जहाज आ सकता था. ब्रिटिश नहीं चाहते थे कि उनके जहाज़ों को नुकसान पहुंचे. आसमान में दुश्मन की एयर-फ़ोर्स कौंधती थी, विस्फ़ोटक बरसाती थी और चली जाती थी. जहाज़ और उसमें मौजूद सैनिक, सभी खतरे में थे. जहाज़ में बैठना आख़िरी पड़ाव नहीं था. बीच समंदर में भी नावें और जहाज डूब रहे थे. ऐसे में ब्रिटिश नेवी कमांडर से ब्रिटिश आर्मी का अफ़सर सवाल करता है. वो पूछता है कि जहाज़ कब आएगा? टाइड पलट चुकी है. समय निकल रहा है. उसे जवाब मिलता है कि एक वक़्त पर एक ही जहाज़ आएगा. सेना अपने जहाज बचाना चाहती है. अगले युद्ध के लिए. वो इकट्ठे सब कुछ नहीं भेज सकती. बड़े जहाज भी नहीं. उनके आने से बड़े नुकसान का खतरा है. कमांडर इस वक़्त अपने क्रूरतम चेहरे को दिखा रहा था. वो भयानक ठण्ड में पत्थर जैसा कड़ा बना हुआ था. उसने एक अफ़सर को अभी-अभी बताया था कि उसे अपने सैनिकों को मरने के ल...